अफग़ानिस्तान जंग दरअस्ल खिलाफत के क़याम को रोकने के लिये है

पी.आर. नम्बर: 10032

तारीख: 4 जमादुस्सानी, 1431 हिजरी बमुताबिक / 18 मई 2010
इसवी
प्रेस स्टेटमेंट

अफग़ानिस्तान जंग दरअस्ल खिलाफत के क़याम को रोकने के लिये है: ब्रिटेन के हालिया रिटायर्ड जनरल का इकरार


हुक्मरान और फौज जवाब दे, क्या वोह खिलाफत रोकने वालों के साथ है या खिलाफत लाने वालों के साथ!!!


आखिरकार बिल्ली थैले से बाहर आ गई। ब्रिटेन फौज के हाल ही रिटायर्ड होने वाले सरबराह और नये प्रधान मंत्री के सहायक सर जनरल रिचर्ड डनाट ने बी.बी.सी को एक इंटरव्यू मे इस बात का इक़रार किया के अफग़ानिस्तान जंग दरअस्ल खिलाफत की स्थापना को रोकने के लिये है. उन से जब अफग़ानिस्तान पर क़ब्ज़े के बारे मे पूछा गया तो उसने कहा: “वहाँ पर इस्लामी ऐजेंडा है जिस की दक्षिणी अफगानिस्तान, या दक्षिणी ऐशिया मे हम मुखालिफत न करे या इस का खात्मा न करें तो सच्ची बात यह है की इसका असर फैलता जायेगा. हाँ यह फैल सकता है और यह बहुत अहम नुक्ता है. हम आगे देख रहे है की जुनूबी ऐशिया से मश्रिक़ी वुस्ता (Middle East) और वहाँ से उत्तरी अफरीका और चौधवी और पंद्रवी सदी की खिलाफत के उरूज के मकाम की तरफ बड रहा है .........”


बस कुफ्फार ने एक बार फिर खिलाफत के क़याम के खिलाफ जारी खुफिया जंग से परदा उठाया है। इस से पहले बुश, ब्लेयर, क्लार्क, रम्सफील्ड, हेनरी किसींजर, और दिगर कुफ्फार कई कई बार खिलाफत के खिलाफ अपने जज़बात का इज़हार कर चुके है. सच तो यह है की खिलाफत तमाम मुसलमानों के दिल की आवाज़ और मुसलमानों की एकता का वाहिद ज़रिया है. कुफ्फार इस कोशिश मे है की खिलाफत को दहशतगर्द रियासत के रूप मे पेश किया जाये ताकी इसकी स्थापना पर इसके खिलाफ अंतर्राष्ट्रिय सम्मती बनाई जा सके. लेकिन वोह यह भूल गये की खिलाफत का 1300 सालो पर आधारित चमकता हुआ माज़ी (अतीत) पूरी इंसानियत के लिये एक खुली हुई किताब है जिसके दौरान मुसलमान और ग़ैर-मुस्लिम इस्लामी निज़ाम के तहत शांति और सदभावना के साथ जिन्दगी बसर करते थे. पाकिस्तान के शासक वर्ग और फौज से उम्मत जवाब तलब करती है की वोह बताऐं की वोह खिलाफते राशिदा क़ायम करने वालों के साथ है या खिलाफत को रोकने वाले काफिरों के साथ!!! नेटो और उसके इत्तेहादी गद्दार हुक्मरान सुन ले की वोह मिल कर भी खिलाफते राशिदा के क़याम को नही रोक सकेंगे और रसूलुल्लाह (صلى الله عليه وسلم) की बशारत ज़रूर पूरी हो कर रहेगी.

इंशा अल्लाह


इमरान यूसुफज़ई

पाकिस्तान मे हिज़्बुत्तहरीर के डिपटी प्रवक्ता
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